सीता जी को मुंह दिखाई में मिला था अयोध्या का ये भवन
Kavita Mishra
अयोध्या में आगामी 22 जनवरी को राम मंदिर के लिए प्राण प्रतिष्ठा का भव्य समारोह आयोजित किया जाएगा.
जिसमें देश भर के प्रमुख संतों और जानी-मानी हस्तियों को आमंत्रित किया गया है. ऐसे में राम मंदिर को लेकर पूरे विश्व में चर्चा है.
आइए आपको बताते हैं कि अयोध्या आने पर सीता जी को मुंह दिखाई में क्या मिला था?
बताया जाता है कि त्रेता युग में भगवान श्री राम और माता सीता का विवाह हुआ था तो उसी रात भगवान श्री राम के मन में विचार आया कि अयोध्या में सीता के लिए एक सुंदर महल होना चाहिए.
इसी के बाद रानी कैकेयी को स्वप्न में एक महल दिखाई दिया, जिसके बारे में उन्होंने राजा दशरथ को बताया.
जिसके बाद अयोध्या में कनक भवन बनवाया गया. पौराणिक मान्यता है कि कैकेयी ने अपनी बहू माता सीता को ये भवन मुंह दिखाई में दिया था.
माना जाता है कि यहां राम जी के अलावा किसी पुरुष को आने की अनुमति नहीं थी.
केवल राम के प्रिय भक्त हनुमानजी को भवन के आंगन में रहने की अनुमति थी क्योंकि हनुमान जी श्रीराम के प्रिय सेवक थे.
ऐसा कहा जाता है कि बुन्देलखंड झांसी के ओरछा के जिस राजा ने 1891 में इस कनक भवन की पुर्नस्थापना कराई थी. उन्हें आज भी राजा राम ही माना जाता हैं.