Jan 17, 2024, 06:47 PM IST

माता पार्वती ने मंदोदरी को क्यों दिया था श्राप 

Kavita Mishra

अयोध्‍या में 22 जनवरी रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा की जाएगी. 

 अयोध्‍या में 17 जनवरी यानी आज से प्राण प्रतिष्‍ठा से पहले के अनुष्‍ठान शुरू हो गए हैं.

इस बीच रामायण की खूब चर्चा हो रही है, आइए हम आपको बताते हैं कि माता पार्वती ने मंदोदरी को क्या श्राप दिया था.

लंकापति रावण और मंदोदरी के विवाह के बारे में तो सभी जानते हैं लेकिन कम ही लोगों को यह मालूम है कि रावण से विवाह के पूर्व जन्म में मंदोदरी मेंढ़क थीं. 

उन्हें यह रुप माता पार्वती के श्राप की वजह से मिला था. पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार मधुरा नाम की अप्सरा घूमते हुए कैलाश पर्वत पर पहुंच गई. 

वहां उन्होंने भगवान शिव को तपस्या में लीन देखा और उन पर मोहित हो गईं. इस वजह से मधुरा ने भगवान भोले को आकर्षित करने का प्रयत्न किया. 

इसी दौरान वहां पर माता पार्वती आ गईं और उन्हें मधुरा पर क्रोध आ गया. आवेश में उन्होंने मधुरा को 12 साल तक मेंढ़क बनकर कुएं में रहने का श्राप दे दिया.

इस बीच भगवान शिव की तंद्रा टूटी और उन्होंने पार्वती जी को मनाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं मानीं.

उन्होंने मधुरा से कहा कि वह अपना श्राप तो वापस नहीं लेंगी लेकिन अगर वह कठोर तप करती है तो अपने वास्तविक रुप में वापस आ सकती है.