Feb 23, 2025, 01:24 AM IST

औरंगजेब के लिए सती होना चाहती थी ये हिंदू रानी

Kuldeep Panwar

मुगल बादशाह औरंगजेब ने अपने भाइयों की हत्या  करने और पिता शाहजहां को कैद करने के बाद दिल्ली की सत्ता को हासिल किया था.

औरंगजेब बेहद क्रूर शासक था, जो हिंदुओं से बेहद नफरत करता था और उसने बहुत सारे मंदिरों को तुड़वाकर मस्जिद बनवाई थी.

मुगल साम्राज्य पर 1658 से1707 तक हुकूमत करने वाले औरंगजेब ने हिंदुओं से नफरत के बावजूद दो हिंदू रानियों से निकाह किया था.

औरंगजेब की हिंदू बीवियां नवाब बाई व उयदपुरी महल थीं. कहते हैं बेहद खूबसूरत उदयपुरी को पहली बार देखकर औरंगजेब बेहोश हो गया था.

उदयपुरी भी औरंगजेब से बेहद प्रेम करती थीं. कहते हैं उदयपुरी ने यह भी कहा था कि यदि औरंगजेब की मौत पहले हुई तो वह सती हो जाएगी.

'रुक्काते आलमगीरी' के अंग्रेजी अनुवाद 'लेटर्स ऑफ औरंगजेब' में जिक्र है कि औरंगजेब ने अपने बेटे कामबख्श को लिखे खत में उदयपुरी की इस इच्छा का जिक्र किया था.

यह इत्तफाक है कि मुगल बादशाह औरंगजेब और उदयपुरी की मौत एक ही साल यानी 1707 में कुछ महीनों के अंतराल पर हुई थी. 

उदयपुरी मुगल बेगम बनने से पहले औरंगजेब के भाई दारा शिकोह के हरम की दासी थी. इससे पहले वह नृतकी के तौर पर काम करती थी.

औरंगजेब ने बादशाह बनने के बाद पहली बार लाल बालों वाली उदयपुरी को देखा, जो उस समय जवान थी, जबकि औरंगजेब 50 साल का था.

औरंगजेब भी उदयपुरी को बेहद प्यार करता था. इसका अंदाजा ऐसे लगा सकते हैं कि उदयपुरी को वह कई युद्धों पर भी साथ लेकर गया था.

औरंगजेब को उदयपुरी से इतना लगाव था कि उसके नाम पर उसने कई लोगों के गुनाह माफ किए थे. अपने बेटे काम बख्श की शराब पीने की आदत और गलतियों की भी अनदेखी की थी.

उदयपुरी के हिंदू महिला होने पर इतिहासकारों में मतभेद है. औरंगजेब के दौर में भारत आए यूरोपीय घुमक्कड़ मनुच्ची ने उसे जॉर्जियन दासी बताया है.

इसके उलट राजपूत इतिहास लिखने वाले मेजर टोड और मराठा इतिहास लिखने वाले ग्रांड डफ ने उदयपुरी को जोधपुर की राजपूत महिला बताया है.