Jul 16, 2024, 11:41 PM IST

मुगल दरबार में सबको मानने होते थे ये 5 नियम

Smita Mugdha

मुगल हरम हों या बादशाह का दरबार वहां शानो-शौकत के साथ बेहद सख्त नियम भी होते थे. 

मुगल दरबार को लेकर भी कई नियम होते थे जिनका पालन करना दरबारियों के लिए ही नहीं बादशाह के लिए भी जरूरी था.

दरबार के नियमों के मुताबिक, बादशाह के दरबार में आने से पहले और एक बार जाने के बाद कार्यवाही नहीं हो सकती थी.

मुगल बादशाह के लिए सबसे ऊपर के आसन पर बादशाह बैठते थे. बाकी मंत्रियों के लिए सिंहासन के नीचे आसन होते थे. 

मुगल दरबार में कुछ राजाओं ने अपने अलग नियम भी बनाए थे जिनका पालन उनके कार्यकाल में होता रहा था. 

हुमायूं के दरबार में नियम था कि कोई भी शख्स पैरों में चप्पल-जूते पहनकर नहीं आ सकता था. दरबार में सभी लोग नंगे पांव आते थे.

जहांगीर ने अपने दरबार में न्याय की जंजीर लगाई थी और इसे कभी भी कोई भी पीड़ित न्याय के लिए बजा सकता था.

मुगल दरबार में महिलाओं का प्रवेश निषेध था और अगर उन्हें बुलाया जाता था, तो भी वह पर्दे से ही अपनी बात कहती थीं. 

इसी तरह से मुगल दरबार में बादशाह का फैसला अंतिम और सर्वमान्य माना जाता था. मंत्री और दरबारी अपनी सलाह देते थे.