Nov 27, 2023, 03:14 PM IST

मुगल दरबार की शक्तिशाली 3 महिलाएं, पर्दे के पीछे से किया था राज

DNA WEB DESK

मुगलकाल में महल और हरम की महिलाएं ज्यादातर वक्त पर्दे में ही रहती थीं और राजकाज में भी उनकी भूमिका सीमित थी. 

इसके बावजूद कुछ महिलाएं थीं जिन्होंने पर्दे के पीछे से मुगल सल्तनत में राज किया और वह प्रभावशाली भूमिकाओं में थीं. 

इनमें से कुछ महिलाओं का न सिर्फ बादशाह और हरम में प्रभाव था बल्कि उनके पास अपनी रियासतें और आय के साधन भी थे.

इस लिस्ट में सबसे ऊपर माहम अनगा का नाम आता है जिन्हें सम्राट अकबर ने मां का दर्जा दिया था और हरम में उनका ही राज चलता था. 

माह चुचक बेगम एक ऐसा ही नाम है जिनका राजनीतिक फैसलों में भी दखल होता था. हुमायूं अपनी बेगम की सलाह के बिना कोई बड़ा फैसला नहीं लेती थीं.

अकबर के बेटे जहांगीर और पोते शाहजहां पर भी उनकी बेगमों का काफी प्रभाव था. शाहजहां ने तो अपनी बेगम के लिए ताजमहल जैसा मकबरा बनाया था. 

जहांगीर की जिंदगी में नूरजहां के आने के बाद राजमहल के कामकाज से लेकर हर छोटे-बड़े फैसले में नूरजहां का प्रभाव झलकता था. 

नूरजहां का रौब और दबदबा उस वक्त ऐसा था कि वह महल से लेकर दरबार तक के फैसलों में अपनी मर्जी चलाती थीं.

कट्टर माने जाने वाले औरंगजेब के शासनकाल में भी उसकी दोनों बहनें रोशनआरा और जहांआरा का हरम और महल में खूब दबदबा था.