पिछले 10 सालों में कितने भारतीयों ने छोड़ी अपनी नागरिकता?
Raja Ram
भारतीयों का विदेश की ओर रुझान. 2011 से जून 2023 तक 17.5 लाख भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी और दूसरे देशों में बसने का फैसला किया.
कौन-कौन से देश बने ठिकाना?
भारतीयों ने अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, आइसलैंड, वेटिकन सिटी और ब्राजील जैसे देशों में नागरिकता ली है.
2020-21 के दौरान कोरोनाकाल में नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या में कमी आई थी, लेकिन बाद में इसमें फिर इजाफा हुआ.
अमेरिका और यूरोपीय देशों को भारतीयों ने प्राथमिकता दी, खासकर बेहतर जीवनशैली और अवसरों की तलाश में.
विदेश में बेहतर करियर और उच्च शिक्षा के अवसर भारतीयों के लिए मुख्य आकर्षण रहे.
भारत में दोहरी नागरिकता की अनुमति न होने के कारण लोग अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ने को मजबूर हुए.
छोटे देशों जैसे एंटीगुआ, वेटिकन सिटी और आइसलैंड भी भारतीयों के लिए आकर्षण का केंद्र बने. नागरिकता छोड़ने के बावजूद भारतीय मूल के लोगों ने अपने देश से संबंध बनाए रखे हैं.
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि भारत से विदेश जाने वाले लोगों की संख्या आने वाले सालों में और बढ़ सकती है. विदेश मंत्रालय ने इस प्रवृत्ति पर नजर रखी है और इससे संबंधित डेटा नियमित रूप से जारी कर रहा है.