Dec 22, 2023, 08:24 AM IST

वाल्मीकि रामायण में लिखी ही नहीं हैं रामायण की ये बातें

Nilesh

मूल रामायण उस समय पर महर्षि वाल्मीकि ने ही लिखी थी जो सबसे प्राचीन ग्रंथों में गिना जाता है

वहीं रामचरितमानस की तुलना गोस्वामी तुलसीदास ने अवधी, हिंदी और संस्कृत भाषा में लिखी है

वाल्मीकि रामायण के मुताबिक, दशरथ की 350 पत्नियां थीं जबकि तुलसीदास के मुताबिक सिर्फ 3 ही थीं

वाल्मीकि रामायण के मुताबिक, दशरथ की 350 पत्नियां थीं जबकि तुलसीदास के मुताबिक सिर्फ 3 ही थीं

तुलसीदास के मुताबिक, सीता का स्वयंवर हुआ था जबकि वाल्मीकि रामायण में इसका जिक्र नहीं है

वाल्मीकि के मुताबिक, असली सीता का अपहरण हुआ था जबकि तुलसीदास के मुताबिक नकली सीता का अपहरण हुआ था

तुलसीदास के मुताबिक राम भगवान का अवतार थे जबकि वाल्मीकि के मुताबिक वह ज्यादा शक्तियों वाले इंसान थे

हिंदी में होने और ज्यादा आसान होने की वजह से तुलसीकृत रामायण का ही पाठ होता है

जिस रामायण का पाठ किया जाता है वह तुलसीकृत रामायण ही है