May 1, 2025, 11:46 AM IST

भारत में जातिगत जनगणना के 5 बड़े फायदे

Raja Ram

भारत की अगली जनगणना अब सिर्फ संख्या नहीं बताएगी, बल्कि पहली बार जातिगत आंकड़े भी इकट्ठा किए जाएंगे. 

OBC और अन्य वर्गों की वास्तविक स्थिति जानने के लिए जातिगत जनगणना अहम मानी जा रही है, जिससे नीतियों में न्याय और पारदर्शिता आएगी.

जातिगत आंकड़ों से सरकार को समाज के कमजोर तबकों की स्थिति जानने में मदद मिलेगी और योजनाएं जमीनी हकीकत पर आधारित होंगी.

इस जनगणना से उन समुदायों की पहचान हो सकेगी जो ऐतिहासिक रूप से वंचित हैं, जिससे सामाजिक समानता को बढ़ावा मिलेगा.

सटीक डेटा के अभाव में आरक्षण वितरण में बाधाएं थीं; अब सही आंकड़ों से संसाधनों का न्यायसंगत बंटवारा संभव होगा.

जातिगत जनगणना से यह स्पष्ट होगा कि किन जातियों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार में विशेष समर्थन की जरूरत है.

जातिगत आंकड़े समाज की असमानताओं को उजागर करेंगे, जिससे समाज व सरकार इन्हें दूर करने के लिए ठोस कदम उठा सकेंगे.

इस प्रक्रिया से जातिगत ध्रुवीकरण और राजनीतिक दुरुपयोग का खतरा भी है, जिससे सामाजिक तनाव बढ़ सकता है.

जातिगत जनगणना भारत में सामाजिक न्याय, नीति निर्माण और समावेशी विकास के लिए एक क्रांतिकारी कदम हो सकती है, लेकिन इससे जुड़ी सावधानियां भी जरूरी हैं.