Mar 10, 2024, 11:08 PM IST

इस हिंदू रानी की आवाज से कांपती थी मुगल अकबर की सेना 

Kavita Mishra

भारत के इतिहास में मुगलों  को चुनौती देने वाले शासकों की सूची बहुत लंबी है. 

ऐसे में देश की महानतम वीरांगनाओं में रानी दुर्गावती का नाम सबसे पहले याद किया जाता है.

गोंडवाना की रानी दुर्गावती ने मुगल अकबर की सेना के नाक में दम कर दिया था. इतना ही नहीं बल्कि अकबर की सेना रानी दुर्गावती की आवाज से कांपती थी. 

 रानी दुर्गावती ने आखिरी दम तक मुगल सेना को रोकर अकबर की उनके राज्य पर कब्जा करने की हसरत को कभी पूरा नहीं होने दिया. 

रानी दुर्गावती का जन्म दुर्गा अष्टमी के दिन 24 जून को 1524 को बांदा जिले में हुआ. वह कलिंजर के चंदेला राजपूत राजा कीर्तिसिंह चंदेल की इकलौती संतान थी.

 रानी दुर्गावती से विवाह के 7 वर्ष बाद ही राजा दलपतशाह का निधन हो गया. पति के निधन के समय दुर्गावती के पुत्र नारायण की उम्र मात्र 5 वर्ष की ही थी. रानी ने स्वयं ही गढ़मंडला का शासन अपने हाथों में ले लिया. 

उन्होंने बचपन से ही घुड़सवारी, तलवारबाजी, तीरंदाजी जैसी युद्ध कलाओं की शिक्षा ली थी. अकबरनामा में भी रानी दुर्गावती की बहादुरी का जिक्र है. 

1564 में आसफ खान ने किले पर हमला किया. युद्ध में रानी अपने हाथी पर सवार होकर पहुंची. रानी दुर्गावती के शरीर पर कई तीर लगे थे.

इस घटना के बाद उन्हें ये संदेह हो गया था कि वह अब जिंदा नहीं बच पाएंगी. दुश्मनों के हाथों मरने से बजाय उन्होंने अपनी तलवार खुद ही सीने में मार ली और शहीद हो गईं.