पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. भारत सरकार देश के 295 जिलों में मॉक ड्रिल करने जा रही है.
यह मॉक ड्रिल 7 मई 2025 को आयोजित होगी. इसका मकसद नागरिकों को आपातकालीन परिस्थितियों के लिए तैयार करना है.
पांच दशक के बाद यह सबसे बड़ी सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल है. इससे पहले 1971 में भारत-पाकिस्तान के युद्ध से पहले हुई थी.
भारत में शुरुआत 1962 में चीन-भारत युद्ध के दौरान हुई थी. उस समय देश में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल की गई थी.
जिसमें जागरूक नागरिकों के एक दस्ता ने देशभर में घूम-घूमकर लोगों को बताया था कि हमले की स्थिति में वह खुद को कैसे सुरक्षित रखें.
इस दस्ते की जागरूकता की वजह से युद्धों में जानमाल के नुकसान से काभी बचाव हुआ था. 1965 के युद्ध में भी इसने सक्रिय भूमिका निभाई थी.
26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद भी मॉक ड्रिल हुई थी. जिसमें लोगों को बताया गया था कि ऐसे हमलों से कैसे बचा जा सकता है.
मॉक ड्रिल का इतिहास बहुत पुराना रहा है. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान इसका खूब प्रयोग हुआ था. इसकी शुरुआत रोमन से हुई थी, जो उसके मिलिट्री ट्रेनिंग का हिस्सा थी.