भारत में कई धार्मिक स्थल हैं जो अपने अद्भुत और अनोखी मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध हैं, लेकिन कुछ मंदिर ऐसे हैं जो चोरों और डाकुओं से जुड़ी आस्थाओं से जुड़े हैं.
राजस्थान का प्रसिद्ध जोगणियां माताजी मंदिर भी एक ऐसा ही स्थल है. यह मंदिर एक घने जंगल में पहाड़ी पर स्थित है, जो अपनी खासियतों के लिए मशहूर है.
इस मंदिर के बारे में एक अजीब मान्यता है, जहां चोर और डाकू अपनी हथकड़ियां चढ़ाकर अपनी आस्था व्यक्त करते हैं.
यह मंदिर उन दिनों में चोरों और डाकुओं का आश्रय स्थल था. कहा जाता है कि यहां की पवित्रता ने उनके दिलों में गहरी श्रद्धा पैदा की थी.
जब किसी चोर या डाकू को सजा हो जाती और वह जेल से बाहर आता, तो वह अपनी हथकड़ी को जोगणिया माताजी के चरणों में चढ़ा कर अपराध से मुक्त होने का संकल्प लेता था.
यह परंपरा सदियों से चली आ रही है. भक्तों का मानना है कि यहां आने से उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और वे अपनी बुरी आदतों से मुक्ति पाते हैं.
मंदिर में पेड़ पर लटकी हथकड़ियां आज भी इस परंपरा का प्रमाण हैं. यहां के भक्तों का मानना है कि जोगणिया माताजी उन्हें फिर से सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं.
समय के साथ इस मंदिर की आस्था और महत्व बढ़ा है. भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, बूंदी और कोटा जैसे जिलों से लोग यहाँ अपनी मन्नतों के लिए आते हैं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है.)