Oct 29, 2023, 10:35 PM IST
महाभारत के युद्ध में कर्ण को कौरवों की सेना का सेनापति बनाया गया. कर्ण इस बात से अनजान थे कि पांडव उनके ही भाई है.
द्रौपदी ने कर्ण से बताया था कि पांडव उसके दुश्मन नहीं बल्कि भाई हैं. यह रहस्य जानने के बाद भी कर्ण ने कौरवों की ओर से युद्ध करने का निर्णय नहीं बदला.
कर्ण ने अपनी मां कुंती को वचन दिया कि वह अर्जुन को छोड़कर अन्य पांडव को नहीं मारेगा.
आइए जानते हैं ऐसे कौन से कारण थे, जिनकी वजह से कर्ण और अर्जुन के बीच दुश्मनी थी.
इस घटना की वजह से ही कर्ण ने क्रीड़ा में द्रौपदी को दांव पर लगाने की मांग की थी. बाजी हार जाने के बाद सभा में द्रौपदी का अपमान किया था.
इस घटना के बाद द्रोणाचार्य ने कई बार कर्ण का उपहास किया और यह साबित करने का प्रयास किया कि अर्जुन कर्ण से श्रेष्ठ है.