Apr 12, 2025, 12:48 AM IST

इन 8 तरीकों से छुड़ाएं बच्चे से मोबाइल देखने की लत

Kuldeep Panwar

खिलौने की तरह हर समय स्मार्ट फोन से चिपके रहने की लत बच्चों में बढ़ती जा रही है. इस लत का बहुत बड़ा कारण सोशल मीडिया बना हुआ है.

बच्चे वर्चुअल वर्ल्ड में सोशल मीडिया की रील्स या शॉर्ट्स में इस कदर खोए रहते हैं कि उन्हें समय का भी पता नहीं चलता है. यह क्रेज बढ़ता जा रहा है.

डिजिटलाइजेशन और इंटरनेट क्रांति के इस दौर में कोई भी इससे नहीं बच पाया है. ऐसे में बच्चों में इसके साइड इफेक्ट्स दिखाई देने लगे हैं.

स्मार्ट फोन से बच्चे कम उम्र में ही टेकसेवी तो बन रहे हैं, लेकिन सोशल मीडिया की लत इसे पॉजिटिव के बजाय निगेटिव बना रही है.

यदि आपके बच्चे भी हर समय मोबाइल से चिपके रहते हैं और सोशल मीडिया के जाल में फंसे हैं तो इसे छुड़ाने के लिए कुछ टिप्स हम बता रहे हैं.

सबसे पहले पेरेंट्स को समझना होगा कि हर चीज के लिए एक तय उम्र होती है. इसलिए बच्चों को उनकी उम्र के हिसाब से ही डिवाइस दें. 

बच्चों से सोशल मीडिया के फायदे-नुकसान पर दोस्त की तरह बात करें. उन्हें मोबाइल पर ज्यादा समय बिताने से बीमार होने के खतरे समझाएं.

बच्चों को समझाएं कि मोबाइल पर ज्यादा समय बिताने से पढ़ाई- नींद प्रभावित होती है. उन्हें परिवार के सबसे अहम होने का अहसास दिलाएं.

बच्चों की बातें ध्यान से सुनें. उनके साथ गेम खेलें और घूमने जाएं. इससे आपके बच्चों को कभी भी सोशल मीडिया की कमी महसूस नहीं होगी.

बच्चों को मोबाइल से दूर रखने का तरीका है कि उन्हें व्यस्त रखें. उनकी रुचि के हिसाब से स्पोर्ट्स, पेंटिंग, डांसिंग या संगीत की एक्टीविटीज कराएं.

फोन या कंप्यूटर में पैरेंटल कंट्रोल फीचर का इस्तेमाल करके आप उन ऐप्स और वेबसाइट्स को ब्लॉक कर सकते हैं जो बच्चों के लिए नहीं हैं.

कोशिश करें कि खुद भी बच्चो के सामने ज्यादा फोन इस्तेमाल ना करें, क्योंकि बच्चे अपने माता-पिता को देखकर ही सारी बात सीखते हैं.

बच्चों को डराने के बजाय दोस्ती का रिश्ता बनाकर समझाएं. वे भरोसा करेंगे तो आपसे परेशानी भी शेयर करेंगे और आपकी बातें भी मानेंगे.

DISCLAIMER: यह सारी टिप्स डॉक्टरों और मनोवैज्ञानिकों की सलाह पर आधारित हैं. हर बच्चे के हिसाब से इनका प्रभाव अलग-अलग हो सकता है.