Feb 20, 2025, 03:37 PM IST
किसी के पैर छूने के हैं ये 5 नियम
Kuldeep Panwar
सनातन संस्कृति में चरण स्पर्श को भी संस्कार माना गया है, जिसके जरिये बड़ों के प्रति सम्मान जताया जाता है. ऐसा नहीं करना अशिष्ट मानते हैं.
क्या आप जानते हैं कि सनातन संस्कृति में कुछ लोगों के पैर छूने की सख्त मनाही की गई है, क्योंकि इससे आपको पुण्य नहीं मिलता है.
चलिए हम आपको उन 5 लोगों के बारे में बताते हैं, जिनके पैर यदि आपने भूलकर भी छू लिए तो आप पलभर में पाप के भागी हो जाते हैं.
भगवान श्रीकृष्ण ने मामा कंस का वध किया था. पौरोणिक मान्यताओं के अनुसार, इस कारण किसी भी व्यक्ति के अपने मामा के पैर छूने पर मनाही है.
मान्यता के मुताबिक, मंदिर परिसर में किसी के पैर नहीं छूने चाहिए. धर्म स्थान में ईश्वर के बजाय किसी दूसरे के चरण छूना उनका अपमान होता है.
सनातन धर्म में कुंवारी कन्या को देवी स्वरूप माना जाता है. इसी कारण देवी से जुड़े त्योहारों पर कुंवारी कन्या का पूजन किया जाता है.
पुराणों में कुंवारी कन्या से पैर छुआना या पैर धुलवाना प्रतिबंधित है. ऐसा करने वाले व्यक्ति के पुण्य खत्म हो जाते हैं. वह पाप का भागी बनता है.
लेटी अवस्था में मुर्दे के पैर छुए जाते हैं. यदि आप सोते या लेटे हुए व्यक्ति के पैर छूते हैं तो इसका मतलब होता है कि आप उसे मुर्दा मानते हैं.
दामाद का अपने ससुर के पैर छूना भी प्रतिबंधित है. इसका संबंध माता सती का अपने पिता दक्ष प्रजापति के यज्ञ में खुद को भस्म करने से है.
माता सती के खुद को भस्म करने से क्रोधित होकर उनके पति भगवान शिव ने दक्ष का सिर काट लिया था. तब से दामाद ससुर के पैर नहीं छूते हैं.
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