Oct 7, 2024, 07:59 PM IST
रानियों की साड़ी पर क्यों बनाए जाते थे मोर?
Smita Mugdha
भारत में साड़ियों की काफी विविधता है और इस परिधान का अपना समृद्ध इतिहास भी है.
साड़ियों पर बेल-बूटे से लेकर पक्षियों की आकृति तक की परंपरा रही है और इनके पीछे खास मान्यता होती है.
क्या आप जानते हैं कि रानियों के लिए खास अवसर पर बनने वाली साड़ियों में मोर की आकृति उकेरी जाती थी.
इसके पीछे धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं का अपना एक समृद्ध इतिहास होता है.
इसके पीछे धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं का अपना एक समृद्ध इतिहास होता है.
मोर को हिंदू मान्यताओं में शुभ प्रतीक के तौर पर माना जाता है और भगवान कृष्ण को भी मोर पंख प्रिय थे.
साड़ियों और गहनों पर भी इसलिए मयूर के चित्र उकेरे जाते थे क्योंकि ये शांति और समृद्धि का प्रतीक माने जाते हैं.
रानियों के लिए पहनी जाने वाली साड़ियों में मोर की आकृति कभी रेशमी धागों तो कभी सोने-चांदी के तारों से बनाई जाती थी.
भारत में अलग-अलग प्रदेशों की साड़ियों की अपनी खासियत और पहचान होती है.
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