मां के गर्भ में किस जीन की वजह से लड़की बन जाती है लड़का?
Jaya Pandey
क्या आपको पता है कि मां के गर्भ के शुरुआती कुछ दिनों में हर बच्चा लड़की होता है. लेकिन फिर एक प्रक्रिया सबकुछ बदल देती है.
दिल्ली की जानी-मानी गाइनेकोलॉजिस्ट आर्या रैना ने इस साइंस को विस्तार से समझाया है. आगे की स्लाइड्स में समझें पूरा माजरा
जब एक बेबी कंसीव होता है तो उसका जेंडर क्रोमोसोम्स पर निर्भर करता है. XX का मतलब होता है फीमेल और XY का मतलब होता है मेल.
कंसीव करने के बाद शुरुआती 6 हफ्ते में सारे भ्रूण एक जैसा दिखते हैं. उस दौरान मेल या फीमेल जैसा कछ नहीं होता क्योंकि उनका रिप्रोडेक्टिव सिस्टम आइडेंटिकल होता है.
लेकिन फिर एक जीन सारा खेल बदल देता है. इस जीन का नाम है SRY जीन. अगर बेबी के पास वाई क्रोमोसोम होता है तो SRY जीन एक्टिवेट होती है.
SRY जीन या सेक्स डिटरमाइनिंग रीजन वाई जीन टेस्टीस डेवलेप करने का सिग्नल देती हैं जिससे फिर टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन रिलीज होता है.
8-12 हफ्ते तक टेस्टोस्टेरोन अपना असर दिखाता है और मेल रिप्रोडक्टिव ऑर्गन डेवलेप करता है. मजेदार बात यह है कि अगर यह हॉर्मोन नहीं होता तो सारे बच्चे लड़की ही पैदा होते.
अगर किसी मेल बेबी की बॉडी टेस्टोस्टोरेन से रिस्पॉन्ड नहीं करती तो इसे एंड्रोजन इन्सेसिटिवटी सिंड्रोम कहते हैं. इससे बाहर से शरीर तो लड़की का होगा लेकिन इसमें फीलिंग्स लड़के की होती हैं.