Dec 19, 2024, 01:08 PM IST
कैसे मिलती है जुड़वां बच्चों की शक्ल? समझें साइंस का खेल
Smita Mugdha
जुड़वां बच्चों का जन्म लगभग 2% गर्भधारण में होता है. इसके पीछे हार्मोन्स, महिलाओं का बीएमआई जैसे तथ्य होते हैं.
कुछ जुड़वां बच्चों की शक्ल इतनी मिलती है कि उनकी पहचान करना भी बाकी लोगों के लिए मुश्किल हो जाता है.
कुछ जुड़वां बच्चे ऐसे होते हैं जिनकी शक्ल एक-दूसरे से ज्यादा नहीं मिलती है. समझें इसके पीछे का साइंस.
जब एक ही एग को एक ही स्पर्म से फर्टिलाइज्ड किया जाता है, लेकिन ये बाद में दो हिस्सों में बंट जाता है.
इस तरह समान यानी एक जैसे दिखने वाले जुड़वा बच्चों का जन्म होता है. इनका डीएनए भी एक जैसा होता है.
फ्रेटरनल जुड़वा तब होते हैं जब ओवरी दो एग छोड़ती है, जिनमें से हरेक को एक अलग स्पर्म से फर्टिलाइज्ड किया जाता है.
दोनों फर्टिलाइज्ड एग फिर गर्भाशय में जाते हैं. इसका मतलब है कि असमान जुड़वा जेनेटिकली आम भाई-बहनों के समान होते हैं.
इन जुड़वां बच्चों के लगभग आधे जीन एक जैसे होते हैं. प्रेग्नेंसी के दौरान हरेक बच्चे का अपनी एमनियोटिक थैली और प्लेसेंटा होता है.
हालांकि, विज्ञान मानता है कि जरूरी नहीं कि एक जैसी शक्ल के इंसान जुड़वा ही हों. किसी इंसान का हमशक्ल भी हो सकता है.
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