भगवान कृष्ण का मंदिर तोड़ने आया मुगल बादशाह हो गया था अंधा, जानें फिर क्या हुआ
Puneet Jain
उदयपुर के श्रीनाथ जी मंदिर के बारे में कई रोचक कहानियां और लोककथाएं प्रचलित हैं.
उदयपुर से नाथद्वारा केवल 47 किमी की दूरी पर स्थित है.
इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण का सात साल के बाल अवतार के तौर पर विराजित हैं.
मुगल बादशाह औरंगजेब मूर्ति पूजा का विरोध करता था. अपने शासनकाल के दौरान उसने कई मंदिरों को तोड़ने का आदेश भी दिया था.
इतिहासकारों की राय है कि औरंगजेब के आदेश पर भारत में कई मंदिर तोड़े गए.
मंदिर को ध्वस्त करने के इरादे से जब औरंगजेब श्री नाथ जी मंदिर में दाखिल हुआ, तो सीढ़ियां चढ़ते ही उसकी आखों की रोशनी कम होने लगी.
कहा जाता है कि इससे डरकर औरंगजेब ने श्रीनाथ जी से अपने बुरे कर्मों की क्षमा मांगी थी और मंदिर नहीं तोड़ने का निर्णय लिया था.
क्षमा मांगने के बाद उसकी आखों की रोशनी वापस आ गई और वह अपनी सेना के साथ वापस लौट गया.
ऐसा कहा जाता है कि औरंगजेब की मां को जब इस घटना का पता चला, तो उन्होंने श्रीनाथ जी की मूर्ति के लिए एक हीरा दिया था, जो आज भी उनकी ठोढ़ी पर सुशोभित है.