Feb 6, 2025, 01:04 PM IST

महाभारत काल के किन श्रापों का आज भी है असर? 

Abhay Sharma

महाभारत काल में श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था, जिनका श्रवण और पाठन आज भी बड़ी भक्ति भाव से किया जाता है. 

हालांकि आज हम आपको उपदेश नहीं, बल्कि महाभारत काल के 5 ऐसे श्रापों के बारे में बताएंगे, जिनका असर आज भी देखने को मिलता है. 

महाभारत काल में कुंती ने पांचों पांडव से ये बात छुपाई की कर्ण उनका भाई है, जिसपर युधिष्ठिर ने समस्त नारी जाती को यह श्राप दिया कि कभी भी कोई नारी चाहकर भी कोई बात अपने ह्रदय में छिपाकर नहीं रख पाएगी.

चंबल नदी के किनारे कौरवों और पांडवों के बीच द्युत क्रीड़ा हुई थी, जिसमें पांडव द्रौपदी को दुर्योधन से हार गए थे. द्रौपदी ने चंबल की पूजा-अर्चना से परहेज किए जाने का श्राप दिया था. इसलिए आज भी इस नदी की पूजा नहीं होती है.

राजा परीक्षित को श्राप था कि तक्षक नाग के डसने से उनकी मृत्यु हो जाएगी, कहा जाता है राजा की मृत्यु हुई तब कलयुग पूरी पृथ्वी पर हावी हो गया और जिसका असर आज तक बना हुआ है, इससे पहले कलुयग इतना हावी नहीं था.. 

भगवान श्रीकृष्ण ने अश्वत्थामा को तीन हज़ार साल तक वनों में भटकने का श्राप दिया था, कहते हैं अश्वत्थामा आज भी श्राप के कारण जंगलों में भटक रहे हैं. 

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