रावण संसारी और विवाहित होते हुए भी अकेले सोता था. लेकिन क्यों, इसके पीछे एक ही वजह थी.
शिव भक्त रावण महान विद्वान और चारों वेदों का ज्ञाता था. उसे दुनिया के लगभग सभी धर्मग्रंथों की गहरी समझ थी.रावण बेहद शक्तिशाली और अहंकारी भी था लेकिन...
रामायण के अनुसार जब हनुमान जी सबसे पहले लंका सीताजी की खोज में आते हैं तब वह रावण को अकेला सोते देखते हैं.
वह देखते हैं कि रावण के कमरे में कोई नहीं है, न ही उसकी पत्नी मंदोदरी, न ही उसके सेवक, न ही कमरे के बाहर राजा का कोई सेवक था.
इसने हनुमान को भ्रमित कर दिया और वह कुछ समय के लिए चुपचाप वहीं खड़े रहे. फिर हनुमान बेकाबू होकर हंसना शुरू कर देते हैं. क्योंकि ...
रावण के खर्राटों की रोजदार आवाज थी. इस खर्राटों के कारण ही राणव के आस-पास कोई नहीं रहता था.
रावण के खर्राटे इतने तेज होते थे कि उसकी गूंज महल में दूर-दूर तक सुनी जाती थी.
रावण को इस बात का घमंड था कि उसे कोई नहीं मार सकता इसलिए वह बिना सुरक्षा और सेवकों के बगैर ही राजमहल में सोता था.
बता दें कि विभिषण ने ही रावण के महल के कक्ष का पता हनुमान जी को दिया था कि जहां सो खर्राटे की आवाज आए वहीं राणव होगा.