Dec 13, 2023, 01:44 PM IST
महाभारत में किनका घंमड चूर किया था रामभक्त हनुमान ने
Anurag Anveshi
महाभारत युद्ध शुरू होने से पूर्व श्रीकृष्ण ने रामभक्त हनुमान और अर्जुन दोनों को द्वारका नगरी आने का आमंत्रण दिया था.
जब हनुमान जी और अर्जुन द्वारिका पहुंचे तब श्रीकृष्ण ध्यान में लीन थे. तब समुद्र के किनारे दोनों उनकी प्रतीक्षा करने लगे.
अर्जुन ने भगवान राम का उपहास उड़ाते हुए कहा कि लंका के लिए पत्थर का सेतु बनाने की जगह बाण का सेतु बनाना चाहिए था.
रामभक्त हनुमान को यह बात चुभ गई. उन्होंने अर्जुन के धनुर्विद्या का घमंड तोड़ने के लिए बाण का सेतु बनाने का प्रस्ताव रखा.
हनुमान जी ने यह भी कहा कि अगर उनके खड़े होने से वह सेतु नहीं टूटा तो वे अग्नि में अपना देह त्याग करेंगे.
अर्जुन ने उनकी बात मान ली और तीन बार सेतु बनाया और तीनों ही बार हनुमान जी के पैर रखते ही सेतु टूट गया.
सेतु टूटने के साथ ही अर्जुन का घमंड भी चूर हो गया. श्रीकृष्ण ने हनुमान जी के माध्यम से अर्जुन को उनकी चूक का अहसास कराया.
श्रीकृष्ण ने रामभक्त हनुमान से ध्वजा रूप में अर्जुन के रथ पर स्थापित होने का आग्रह किया. हनुमान जी ने प्रभु की बात मान ली.
यही वजह है कि महाभारत युद्ध के दौरान की हर चित्र में अर्जुन के रथ के शीर्ष पर हनुमान स्थापित दिखते हैं.
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