Feb 18, 2024, 08:26 AM IST

कुरुक्षेत्र के युद्ध में कैसे मारे गए थे अर्जुन के गुरु द्रोणाचार्य?

Abhishek Shukla

महाभारत के युद्ध में राजा द्रुपद के बेटे धृष्टद्युम्न ने गुरु द्रोणाचार्य का सिर काट दिया था.

अर्जुन के गुरु द्रोणाचार्य को बहुत बुरी मौत मिली थी.

वे अजेय धनुर्धर थे और उनके रथ को देखकर पांडवों की सेना में हाहाकार मच जाती थी. 

पर उन्हें मारने वाला कोई और नहीं, उनके मित्र द्रुपद का पुत्र ही था.

द्रुपद पांचाल नरेश थे, वे द्रोणााचर्य के बचपन के मित्र थे लेकिन राजा बनने के बाद उन्होंने अपने मित्र से कहा कि एक दरिद्र ब्राह्मण और राजा मित्र नहीं हो सकते.

द्रोणाचार्य क्रोधित हुए, शिक्षा पूरी हुई तो अर्जुन ने द्रोणाचार्य से गुरुदक्षिणा में पांचाल नरेश को बंदी बनाने की मांग कर डाली.

कौरवों ने पांचाल जीता और द्रुपुद को द्रोणाचार्य के चरणों में पटक दिया.

द्रोणाचार्य ने पांचाल का आधा राज्य रखा और अपने मित्र को छोड़ दिया. राजा द्रुपद अपमानित हुए, उन्होंने यज्ञ किया और धृ्ष्टद्युम्न पैदा हुआ. 

द्रोणाचार्य कौरवों की ओर से लड़ रहे थे, धर्मराज युधिष्ठिर ने छल से उन्हें निहत्था किया और धृष्टद्युम्न ने उनका गला काट दिया.