भारत के इस मंदिर में होती है महादेव के अंगूठे की पूजा
Anuj Singh
जटाधारी शिव इस संसार की मोह माया से मुक्ति देकर अपने अपने भक्तों का बेड़ापार करते हैं.
अरावली पर्वत श्रृखला में शिव के निवास का वर्णन स्वयं शिव पुराण एवं स्कन्द पुराण में मिलता है.
शिव पुराण एवं स्कन्द के अनुसार स्वयं शिव काशी के बाद विविध रूपों में सिरोही जिले के माउण्ट आबू की अरावली पर्वत श्रृंखला में निवास करते है.
पुराणों में उल्लेख है कि इन पर्वत श्रृंखला में स्वयं शिव, अन्नत: रूप में विद्यामान है. यही कारण है कि राजस्थान के सिरोही जिले में सर्वाधिक मठ मंदिर पूरे जिले में विभिन्न स्थानों पर बने हुए है.
स्कन्द पुराण के अनुसार ऋषि वशिष्ठ इन्हीं अरावली पर्वत माला में एक गुफा में तपस्या किया करते थे.उनके पास में एक गाय थी नन्दनी.
स्कन्द पुराण के अनुसार, इन्द्र के बज्र के प्रहार से इस पर्वत श्रृंखला में एक ब्रहृम खाई बन गई थी और स्वयं ऋषि वशिष्ठ भी इसी ब्रहृम खाई के पास में ही बैठकर के तपस्या करते थे.
राजस्थान के अचल गढ़ में देवाधिदेव महादेव के अंगूठें की पूजा होती.
शिव पुराण एवं स्कन्द पुराण में यह उल्लेख है कि,स्वयं शिव के साक्षात् अंगूठें के इस स्थान पर होने से ही यह पर्वत स्वयं देवाधिदेव महादेव के अंगूठें पर स्थिर अथवा अचल है.