भगवान राम के भांजे ने मारा था महाभारत में अर्जुन का बेटा
Kuldeep Panwar
महाभारत का युद्ध भले ही राम-रावण युद्ध के हजारों साल बाद हुआ था, लेकिन इस युद्ध से रामायण का खासा गहरा नाता रहा है.
महाभारत में भगवान राम के वंशज और अयोध्या के तत्कालीन राजा बृहद्बल ने दुर्योधन की तरफ से युद्ध किया था और अभिमन्यु के हाथों मारे गए थे.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजा बृहद्बल के अलावा भी भगवान राम का एक संबंधी महाभारत के युद्ध में दुर्योधन की सेना का साथ देने उतरा था?
महाभारत में राक्षस अलम्बुष ने भीम से दुश्मनी के कारण कौरवों की सेना का साथ दिया, जिसने अर्जुन के पुत्र इरावन का मायावी युद्ध में वध किया था.
अलम्बुष ऋषि ऋष्यशृंग का पुत्र था, जिन्होंने राजा दशरथ के लिए पुत्र प्राप्ति यज्ञ कराकर भगवान राम और उनके तीनों भाई का जन्म कराया था.
ऋषि ऋष्यशृंग का विवाह राम की बड़ी बहन शांता (माता कौशल्या की बहन द्वारा पाली गई) से हुआ था. इस कारण अलम्बुष एक नाते से श्रीराम का भांजा लगता था.
महाभारत के भीष्म वध पर्व के 90वें अध्याय के मुताबिक, अर्जुन और उनकी नागकन्या पत्नी उलूपी के बेटे इरावन ने अपना माया से कुरुक्षेत्र के युद्ध मैदान में कहर मचा रखा था.
महाभारत के 8वें दिन शकुनि और कृतवर्मा के पांडवों पर हमला किया तो इरावन ने शकुनि के 6 पुत्रों समेत कौरवों की घुड़सवार सेना खत्म कर दी.
इरावन की शक्ति से डरकर दुर्योधन ने अलम्बुष से मदद मांगी, जो बकासुर वध और हिडिंबा से विवाह के कारण भीम से दुश्मनी रखता था.
अलम्बुष ने इरावन को मायावी युद्ध करने की चुनौती दी. दोनों के बीच कुरुक्षेत्र के आकाश में बेहद भयानक युद्ध शुरू हो गया.
अलम्बुष ने माया से दो हजार घोड़े उत्पन्न किए, जिन्होंने इरावन की सेना को रौंद डाला. तब इरावन ने उस पर बाणों की बारिश कर दी.
इरावन के बाणों से छलनी होने पर भी अलम्बुष के घाव मायावी शक्ति ने भर दिए. तब इरावन ने नागपाश चलाया, जिसे अलम्बुष ने गरुड़ बनकर काट दिया.
अलम्बुष ने इरावन पर मोहित करने वाली मायाशक्ति से वार किया. इरावन के मोहित होने पर अलम्बुष ने तलवार से उसका मस्तक काट दिया.
अलम्बुष से अपने चचेरे भाई इरावन की मौत का बदला बाद में भीम और हिडिंबा के राक्षस पुत्र घटोत्कच ने लिया और उसका वध कर दिया.