May 29, 2024, 06:57 AM IST
भोलेनाथ ने सरयू नदी को दिया था कौन सा श्राप?
Kuldeep Panwar
अयोध्या में राम मंदिर के करीब से गुजरने वाली सरयू नदी को बेहद पवित्र माना जाता है. इसे श्रीराम की नदी कहकर भी पुकारा जाता है.
पुराणों में भी सरयू नदी का जिक्र कई जगह पर मिलता है. हालांकि यह भी कहा जाता है कि भगवान श्रीराम की नगरी की यह नदी श्रापित है.
क्या आप जानते हैं कि एक श्राप के कारण सरयू नदी के जल से पूजा-पाठ नहीं किया जाता है. ना ही इससे भोलेनाथ का जलाभिषेक होता है.
सरयू नदी के अयोध्या से बहने के कारण इसमें स्नान करने पर पाप नष्ट होते हैं, लेकिन श्राप के कारण आपको इससे कोई पुण्य नहीं मिलता है.
उत्तराखंड में हिमालय से निकलकर उत्तर प्रदेश में बहने वाली सरयू नदी को मिले इस श्राप की कहानी आज हम आपको बताने जा रहे हैं.
सरयू नदी को इस कारण भी बेहद अहम माना जाता है कि भगवान श्रीराम ने इसी नदी में डुबकी लगाकर धरती से हमेशा के लिए विदा ली थी.
मान्यता है कि भगवान श्रीराम के जल समाधि लेने से भगवान भोलेनाथ महादेव सरयू को उनकी मौत का दोषी मानते हुए क्रोधित हो गए थे.
दावा किया जाता है कि इसी क्रोध के कारण भोलेनाथ ने सरयू नदी को श्राप दिया था कि उसके जल का कभी पूजा-पाठ में इस्तेमाल नहीं होगा.
मान्यता है कि सरयू माता ने महादेव का श्राप सुनकर उनसे प्रार्थना की और श्रीराम की जल समाधि को विधि का विधान कहकर क्षमा मांगी.
सरयू की गुहार सुनकर भोलेनाथ पसीज गए और बोले- मैं श्राप वापस नहीं ले सकता हूं, लेकिन मैं इसका एक निदान कर सकता हूं.
भोलेनाथ बोले- सरयू का जल पूजा-पाठ में इस्तेमाल नहीं होने पर भी स्नान करने वाले के लिए पापनाशक होगा. हालांकि ये पुण्यदायी नहीं होगा.
DISCLAIMER: यह पूरी जानकारी सामाजिक और धार्मिक मान्यताओं व आस्थाओं पर आधारित है. इसकी सत्यता की पुष्टि DNA Hindi नहीं करता है.
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