वनवास में इन नामों से जाने जाते थे पांडव और द्रौपदी, जानें क्या करते थे काम
Nitin Sharma
महाभारत युद्ध के अलावा पांडवों के अज्ञातवास की भी लंबी चर्चा की गई है. इसमें बताया गया कि कैसे पांडवों ने अपनी पहचान छिपाकर 1 साल का अज्ञातवास काटा था.
अज्ञातवास के दौरान पांडव और द्रौपदी अपना नाम और पहचान छिपाकर रहे थे. इस दौरान वह राजा विराट के यहां काम करते थे.
महाराज युधिष्ठिर अज्ञातवास के दौरान कंक बने थे. वह राजा विराट के मंत्री के साथ द्यूत खेलते थे.
भीम ने अपना नाम छिपाकर बल्लभ रख लिया. वह यहां रसोईया बनाकर स्वादिष्ट भोजन पकाते थे.
अर्जुन अज्ञातवास के दौरान नाम बदलकर बृहन्नला बने. वह राजा विराट की बेटी उतरा की नृत्य शिक्षिका बने.
अर्जुन को स्वर्ग में अप्सरा उर्वशी ने नपुंसक होने का श्राप दिया था. यह एक साल तक रहा.
पांडवों के भाई सहदेव एक साल के लिए तंतिपाल थे, जो गौशाला में सेवाएं देते थे.
अज्ञातवास के दौरान नकुल ग्रंथिक बने, जो राज के घोड़ों की सेवा करते थे.
वहीं द्रौपदी ने नाम बदलकर सैंध्री रखा. वह विराट राजा की महारानी सुदेशना की दासी बनकर सेवा करती रही.