Mar 14, 2024, 03:03 PM IST

महाभारत में अर्जुन ने भगवान शिव से किया था युद्ध, जानें किसकी हुई थी जीत

Nitin Sharma

द्वापर युग में कौरव और पांडवों के बीच हुए युद्ध कथाएं और साक्ष्य कलयुग में भी पाये जाते हैं. इस युद्ध में पांडवों की जीत हुई थी.

एक कथा के अनुसार, महाभारत काल में अर्जुन और महादेव भगवान शिव का भी युद्ध हुआ था. 

12 वर्ष का वनवास और एक वर्ष के अज्ञातवास में भगवान श्री कृष्ण ने पांडवों को अलग अलग काम सौंपे थे.

भगवान कृष्ण ने अर्जुन को दिव्यास्त्रों को एकत्र करने की जिम्मेदारी थी. इन शास्त्रों में सबसे जरूरी और बड़ा पाशुपतास्त्र था. यह शस्त्र भगवान शिव के ही पास था. 

भगवान शिव से इस पाशुपतास्त्र  पाने के लिए अर्जुन ने महादेव की तपस्या शुरू कर दी. 

अर्जुन की तपस्या के बीच मूकासुर नाम का एक दैत्य जंगली सूअर के रूप में जंगल से लेकर नगर तक आतंक मचाने लगा. इससे अर्जुन का ध्यान भंग हो गया.

अर्जुन की परीक्षा लेने के लिए किरात का रूप लेकर महादेव भी पहुंच गये. यहां अर्जुन ने तपस्या छोड़कर जैसे ही जंगली सूअर पर तीर चलाया. सूअर गिर गया, लेकिन उसके शरीर में दो तीर लगे मिले. 

सूअर को किसने मारा इसको लेकर वहां मौजूद किरात और अर्जुन में बहस हो गई. दोनों के बीच युद्ध शुरू हो गया.

अर्जुन ने किरात पर बाण से लेकर तलवार तक से प्रहार किया, लेकिन सब कुछ बेअसर रहा. निहत्थे अर्जुन ने एक विशाल पेड़ उखाड़ कर किरात पर फेंका, लेकिन किरात के शरीर से टकराते ही पेड़ तिनके की तरह टूट गया. 

इसके बाद किरात ने अर्जुन को उठकार दूर फेंक दिया. किरात के स्पर्श करते ही अर्जुन को याद आया कि वह तो तपस्या कर रहा था फिर इस युद्ध के चक्कर में क्यों पड़ गया.

अर्जुन ने तुरंत रेत से शिवलिंग बनाकर भगवान शिव की तपस्या शुरू कर दी. जैसे ही उसने शिवलिंग पर माला चढ़ाई. उसने देखा कि वह माला किरात के गले में थी.

किरात के गले में माला देखते ही अर्जुन समझ गया कि वह भगवान शिव है. अर्जुन किरात के चरणों में गिर पड़े और क्षमा मांगी. 

इसी से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने अर्जुन को वरदान स्वरूप पाशुपत अस्त्र दिया. 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.