भगवान श्रीकृष्ण महाभारत के युद्ध से लेकर उसके परिणामों को पहले से जानते थे. इसके बाद भी पीतांबरधारी चक्रधर श्रीकृष्ण महाभारत में अर्जुन के सारथी बने.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, अपने सुदर्शन चक्र से एक ही बार में सृष्टि को क्षण भर में नष्ट करने वाले भगवान श्रीकृष्ण ने खुद ही अर्जुन का सारथी बनने का चुनाव किया था.
दरअसल महाभारत युद्ध शुरू होने से पूर्व कौरव से दुर्योधन और पांडवों की तरफ से अर्जुन भगवान श्रीकृष्ण के पास पहुंचे.
यहां दुर्योधन ने श्रीकृष्ण से युद्ध के लिए उनकी नारायणी सेना मांग ली. इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा कि तुम्हें क्या चाहिए.
अर्जुन ने भगवान श्रीकृष्ण से कहा कि उन्हें कोई सेना या शक्ति नहीं, बल्कि श्रीकृष्ण का साथ चाहिए.
इस पर भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि वह अर्जुन के सारथी बनेंगे. यह सुनकर अर्जुन को अटपटा लगा, लेकिन भगवान ने कहा कि मैं तभी साथ्सा चलुंगा, जब तुम मुझे सारथी बनाओंगे.
इसी के बाद भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन का रथ हांकने के साथ ही उन्हें महाभारत युद्ध में ज्ञान दिया और कौरवों से जीत दिलाई.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)