Jul 26, 2024, 12:11 PM IST

बेहद रहस्यमयी है महाभारत की ये 7 जन्म कथा

Aman Maheshwari

महाभारत में द्रौपदी, पांडवों से लेकर कौरवों तक का जन्म रहस्यमयी तरीके से हुआ था. आज आपको महाभारत की ऐसी 7 रहस्यमयी जन्म कथा के बारे में बताते हैं.

विचित्रवीर्य की दो पत्नियां अम्बिका और अम्बालिका थी. इनके कोई संतान नहीं थी. वेदव्यास ने अपनी माता की आज्ञा पर दोनों रानियों को निर्वस्त्र होकर सामने से गुजरने को कहा जिससे उनका गर्भधारण हुआ.

पांडवों के पिता पांडु को संबंध बनाने को लेकर श्राप मिला था. कि जैसे ही वह संबंध बनाएंगे उनकी मृत्यु हो जाएगी. कुंती और माद्री ने मंत्रों की शक्ति से देवताओं का आह्वान कर गर्भ धारण किया था.

पांडवों की तरह कौरवों का जन्म भी रहस्यमयी था. गांधारी को 100 पुत्रों की मां होने का आशीर्वाद था. उन्होंने दो साल तक गर्भवती रहने के बाद मांस के टुकड़े को जन्म दिया. बाद में इन्हें घड़ों में रखवा दिया जिससे कौरवों का जन्म हुआ.

द्रौपदी का जन्म भी रहस्यमयी तरीके से हुआ था. उनका जन्म यज्ञकुंड से हुआ था. उनका नाम यज्ञसेनी भी था. द्रौपदी पांडवों की पत्नी थीं.

कृपाचार्य महाभारत युद्ध में कौरवों की ओर से लड़े थे. उनके पिता का नाम शरद्वान और माता का नाम नामपदी था. नामपदी के सौदर्य को देख शरद्वान का वीर्य स्खलित हो एक सरकंडे पर गिरा. इसके दो भाग हो गए एक से कृपाचार्य और दूसरे से कृपी नामक कन्या का जन्म हुआ.

महर्षि भारद्वाज का वीर्य किसी गुफा में स्खलित हो गया था जिससे द्रोणाचार्य का जन्म हुआ था. गंगा में स्नान करती घृताची को देख उनका वीर्य स्खलित हुआ था.

महाराज प्रतीप के पुत्र शांतनु का विवाह गंगा से हुआ था. गंगा से उनके 8 पुत्र थे उन्होंने 7 को गंगा में बहा दिया, 8वां पुत्र पालकर बड़ा किया. यहीं पुत्र आगे चलकर भीष्म कहलाया.

Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.