महाभारत का ये योद्धा आज भी सबसे पहले महादेव के इस मंदिर में करता है पूजा
Ritu Singh
महाभारत युद्ध में ब्रह्मास्त्र का प्रयोग करने पर अश्वस्थामा को भगवान श्रीकृष्ण ने उसे अनंत काल तक धरती पर भटकने का श्राप दे दिया था.
मान्यता है कि आज भी अश्वस्थामा भटक रहा है और रोज महादेव के एक मंदिर में सबसे पहले पूजा करने आता है.
यूपी के कानपुर के बांका छतरपुर, शिवराजपुर में 700 साल पुराने खेरेश्वर महादेव मंदिर में अश्वत्थामा की पूजा करने की मान्यता है.
मंदिर के महंत आकाश पुरी गोस्वामी के अनुसार उनका परिवार 36 पीढ़ियों से इस मंदिर की सेवा कर रहा है और मंदिर सुबह खुलने से पहले ही यहां महादेव की पूजा हो जाती है.
मंदिर जब सुबह खुलता है उससे पहले भगवान शिव की पूजा हो चुकी होती है. मानना है कि यह कोई और नहीं, अश्वथामा है जो यहां पूजा करता है.
बता दें कि महाभारत काल में गुरु द्रोणाचार्य खेरेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना करते थे और यही उन्होंने पांडवों-कौरवों और अश्वस्थामा को शस्त्र विद्या दी थी.
मंदिर चारों तरफ से खाइयों से घिरा है. किवदंती के अनुसार, इन्हीं खाइयों में से किसी एक में गुप्त रास्ता बना हुआ है, जो खांडव वन (खंडवा जिला) से होता हुआ सीधे इस मंदिर में निकलता है. - इसी रास्ते से होते हुए अश्वत्थामा मंदिर के अंदर आते हैं.