Feb 28, 2024, 02:57 PM IST

ये 5 चीजें खाकर पराक्रमी बने थे महाभारत के योद्धा

Ritu Singh

अगर आप सोचते हैं कि महाभारत काल में लोग केवल कच्चे फल और सब्जियां खाते थे तो आप गलत हैं.

क्योंकि महाभारत काल की कई चीजें आज भी भारतीय घरों में बन रही हैं, अब आप सोच रहे होंगे कि कैसे पता?

तो इसका उल्लेख धार्मिक पुराणों के साथ ही 'महाभारत उद्योग पर्व' अध्याय 143 और महाभारत के 18 ग्रंथों में से 12वें ग्रंथ 'शांति पर्व' में भी मिलता है, तो चलिए जानें महाभारत के वीर योद्धा क्या खाते थे.

शष्कुली- ये चावल या गेहूं को उबालकर या उसके आटे से बनाई जाती है. ये गोल पाई का संस्कृत नाम है. 

भगवद गीता में इस व्यंजन का वर्णन चावल के आटे, तिल और चीनी से बने एक बड़े मिष्ठान के रूप में किया गया है. जिसे कान के आकार का बनाया जाता है और फिर घी में तला जाता है. जलेबी-इमरती इसी का एक रूप है.

खीर- दूध और चावल से बनी खीर का जिक्र 'महाभारत उद्योग पर्व' अध्याय 143 में है और आज भी हर घर में खीर बनती है. पांडव रोज खीर खाते थे और इसका उल्लेख भी है.

क्रिसारा- ये एक गाढ़ा मीठा पेस्ट है जिसमें चावल, चीनी, दूध, तिल, इलायची, दालचीनी और केसर शामिल होते हैं. यह दिखने में हलवा जैसा लगता है, लेकिन असल में यह उससे बहुत अलग है. खीर या खोये वाले हलवे का अधिक मिश्रित रूप कहा जाता है क्योंकि इसमें चावल पीसा हुआ होता है.

अवियल- ये एक प्रकार की सब्जी है, जो दही और नारियल के दूध से बनाई जाती है. यह केरल का स्वादिष्ट व्यंजन है.मान्यता है कि इस व्यंजन का आविष्कार भीम ने ऋषि दुर्वासा के लिए खाना बनाते समय किया था.

राज-कचौड़ीः यह व्यंजन पहली बार द्रौपदी द्वारा बनाया गया था, जब उनकी सास ने उन्हें बचे हुए आलू की सब्जी और मैदा से कुछ बनाने के लिए कहा था

महाभारत काल में दूध से बने व्यंजन ज्यादा प्रयोग होते थे इसके अलावा सब्जियों और अनाज को को पका का खाते थे.