Jan 12, 2025, 07:42 AM IST

Mahakumbh 2025: इन 4 जगहों पर ही क्यों लगता है कुंभ मेला?

Smita Mugdha

कुंभ मेले के तीन प्रकार होते हैं: महाकुंभ, पूर्णकुंभ, और अर्धकुंभ और हिंदू धर्म में इसे सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है. 

महाकुंभ सिर्फ प्रयागराज में ही लगता है और पूर्णकुंभ भी 12 साल में एक बार प्रयागराज में ही लगता है.

अर्धकुंभ हर 6 साल में एक बार लगता है और यह प्रयागराज और हरिद्वार में बारी-बारी आयोजित किया जाता है. 

कुंभ मेला को हिंदुओं का ही नहीं दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है. यह प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में लगता है.

जानते हैं कि सिर्फ इन 4 धार्मिक शहरों में ही कुंभ मेले का आयोजन क्यों किया जाता है. इसके पीछे धार्मिक विश्वास है. 

माना जाता है कि समुद्र मंथन के वक्त अमृत कलश से कुछ बूंदे निकलकर धरती के 4 स्थानों हरिद्वार, उज्जैन, नासिक, प्रयागराज पर गिरी थीं. 

इन्हीं 4 स्थानों पर कुंभ का आयोजन होता है. माना जाता है कि देव और असुरों के बीच 12 दिनों तक ये युद्ध मनुष्य के 12 साल के बराबर होते हैं.

यही वजह है 12 साल बाद महाकुंभ का आयोजन किया जाता है. मान्यता है कि कुंभ में स्नान करने से सारे पाप कट जाते हैं और मोक्ष मिलता है

महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में हो रहा है और इस आयोजन में इस बार 45 करोड़ श्रद्धालुओं के जुटने का अनुमान है.