Mar 25, 2024, 10:03 AM IST
माता सीता इस नाम से बुलाती थीं प्रभु श्रीराम को
Smita Mugdha
सनातन परंपरा में पत्नी अपने पति का नाम नहीं लेती है और इसलिए सीता भी प्रभु श्रीराम को उनके नाम से नहीं पुकारती थीं.
आइए जानते हैं कि माता सीता जब प्रभु श्रीराम का जिक्र करती थीं, तो उनका नाम लिए बिना ही कैसे उनके बारे में बताती थीं.
माता सीता ने जब पहली बार प्रभु श्रीराम को देखा था, तभी उन्हें पति के रूप में पाने के लिए देवी पार्वती से प्रार्थना की थी.
देवी पार्वती ने प्रसन्न होकर उन्हें वरदान दिया था, 'पूजहि मन कामना तुम्हारी' यानी तुम्हारी मनोकामना पूरी होगी.
पार्वती जी ने प्रभु श्रीराम के चरित्र का वर्णन करते हुए कहा था कि वह करूणानिधान हैं और सबके मन की बात समझते हैं.
करुणा प्रभु श्रीराम के चरित्र का अहम गुण था जिसमें सिर्फ प्राणियों के लिए ही नहीं जीव मात्र के लिए भी करुणा थी.
यही वजह है कि माता सीता उन्हें करुणानिधान के नाम से पुकारती थीं. इसके अलावा उन्हें रघुकुलनंदन भी कहा जाता है.
प्रभु श्रीराम भी माता सीता को कई नामों से बुलाते थे जिसमें एक मृगनयनी भी है जिसका अर्थ होता है हिरण के जैसी सुंदर आंखों वाली.
माता सीता और राम आजीवन एक-दूसरे के पूरक रहे और दोनों के गुण सनातन परंपरा के आदर्श माने जाते हैं.
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