Apr 21, 2025, 02:24 PM IST
88 साल के पोप फ्रांसिस का वेटिकन सिटी में निधन हो गया है, वह लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे. बता दें कि पोप को ईसाई धर्म में सर्वोच्च पद का दर्जा दिया गया है.
पोप के अंतिम संस्कार के लिए नवंबर 2024 में कुछ नियम बनाए गए थे, जिसपर खुद पोप फ्रांसिस ने आखिरी मुहर लगाई थी. बताया जा रहा है कि इन्हीं नियमों के तहत उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
पोप की मृत्यु होने पर पहले पार्थिव शरीर को काफी देर तक खुले में रखा जाता था. लेकिन, नए नियमों में मृत्यु के तुरंत बाद उनके शरीर को ताबुत के अंदर रखना जरूरी है.
आमतौर पर निधन के 4-6 दिन बाद पोप को दफनाया जाता है और उनका अंतिम संस्कार सेंट पीटर स्क्वायर में होता है, यहां करीब 100 पोप को दफन किया गया है.
पोप फ्रांसिस की बात करें तो उन्होंने रोम के सांता मारिया मैगीगोर में दफनाए जाने की इच्छा व्यक्त की थी, इसलिए पोप फ्रांसिस को वहां दफनाया जाएगा.
पोप को 3 ताबूतों में दफन किया जाता है, जो एक-दूसरे के अंदर रखे होते हैं. लेकिन पोप फ्रांसिस ने उन्हें केवल लकड़ी और जस्ते से बने एक ताबूत में दफनाने को कहा था.
इसके अलावा ताबूत में कुछ खास चीजें भी रखी जाती हैं, सिक्के (हालांकि ये जरूरी नहीं), दस्तावेज (जिसमें उनके कार्यकाल का जिक्र होता है) रखा जाता है.
बता दें कि यह काम इतिहास को सहेजने के लिए किया जाता है. बताया जाता है कि पहले कुछ पोप के शरीर के अंग निकाल लिए जाते थे. कहते हैं रोम के एक चर्च में 20 से ज्यादा पोप के दिल संगमरमर के कलशों में रखे हुए हैं.