Jan 2, 2024, 08:31 PM IST

पाकिस्तान के राम मंदिर का है वनवास से खास नाता

Kuldeep Panwar

अयोध्या में भगवान रामचंद्र की जन्मभूमि पर सदियों बाद फिर से रामलला अपने भवन में विराजमान होने जा रहे हैं. राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों पर हैं.

क्या आप जानते हैं कि पाकिस्तान में भी एक राम मंदिर है, जिसकी वहां के हिंदू समुदाय में बेहद मान्यता है. पाकिस्तान का यह राम मंदिर भगवान राम के वनवास से जुड़ा हुआ है.

पाकिस्तान का राम मंदिर वहां की राजधानी इस्लामाबाद के सैदपुर गांव में है. मान्यता है कि यहां भगवान राम अयोध्या से वनवास में माता सीता और लक्ष्मण जी के साथ पहुंचे थे.

मान्यता है कि इस स्थान पर ही ऋषि विश्वामित्र ने तपस्या की थी. वनवास पर निकलने के बाद राम-सीता और लक्ष्मण यहां ऋषि से मिलने आए थे और कई दिन तक इस गांव में रहे थे.

मंदिर के बाहर एक तालाब है, जिसे राम कुंड कहते हैं. माना जाता है कि इसी कुंड का पानी यहां रहने के दौरान राम इस्तेमाल करते थे. इसलिए यह बेहद पवित्र माना जाता है.

यहीं से राम पाकिस्तान की स्वात वैली में मौजूद राम तख्त नाम की जगह पर गए थे. यहां मौजूद मंदिर 16वीं सदी में आमेर (जयपुर) के राजपूत राजा मान सिंह ने अफगानिस्तान जाते समय बनवाया था. 

1580 में तैयार हुआ मंदिर देश विभाजन से पहले बेहद मशहूर था, लेकिन 1947 में बंटवारे के बाद यहां से मूर्ति हटा दी गई और अब यह टूरिस्ट स्पॉट में बदल चुका है.

1882 के कलकत्ता रिव्यू, वॉल्यूम्स 74-75 के मुताबिक, रावलपिंडी से 10 किमी उत्तर में एक बेहद पवित्र स्थान है, जिसे हिंदू 'रामकुंड' और मुस्लिम 'सैदपुर' कहते हैं.

1893 के ब्रिटिश रावलपिंडी डिस्ट्रिक्ट गजेटियर में भी इस जगह का जिक्र है, जिसमें यहां चार तालाब राम कुंड, सीता कुंड, लक्ष्मण कुंड और हनुमान कुंड होने की जानकारी है.

गजेटियर में बताया गया है कि बैशाख संक्रांति पर यहां भव्य मेला लगता है, जिसमें 8,000 से ज्यादा श्रद्धालु शामिल होते हैं. चारों तरफ जामुन, नीम और बरगद के पेड़ों का घना इलाका है.

गणेश दास वढेड़ा की किताब 'चार बाग-ए-पंजाब' (वर्ष 1850) में भी इसका जिक्र है. वे लिखते हैं, रावलपिंडी इलाके में वैष्णवों का पवित्र स्थान है, जिसे पंजतीर्थ कहते हैं, क्योंकि यहां पांच सरोवर हैं. इसमें पांचवां कुड सूरज कुंड बताया गया है.