Mar 11, 2024, 02:21 PM IST

रामायण से लेकर महाभारत तक में जीवित थे ये 5 लोग

Nitin Sharma

आपने 7 चिरंजीवियों के बारे में तो सुना ही होगा, जो अमर हैं और कलियुग में भी जीवित हैं. 

क्या आप जानते हैं कि पांच लोग ऐसे हैं, जिनका वर्णन रामायण से लेकर महाभारत में भी मिलता है. 

इन पांच लोगों ने त्रेतायुग में रामायण और द्वापर युग में महाभारत का युद्ध भी देखा है. ये सभी भगवान और देव की श्रेणी में आते हैं. 

इनमें सबसे पहला नाम भगवान विष्णु के दसवें अवतार परशुराम जी का मिलता है.  रामायण में जब सीता स्वयंवर में राम जी ने धनुष तोड़ा तो सभा में परशुराम आ पहुंचे थे. वहीं द्वापर युग में परशुराम जी ने कर्ण और पितामह भीष्म को अस्त्र-शास्त्र की शिक्षा दी थी.

रामभक्त हनुमान जी का रामायण के साथ ही महाभारत में जिक्र मिलता है. हनुमान जी को अमरता का वरदान प्राप्त था. महाभारत काल में भी भीम और हनुमान जी की भेंट का एक प्रसंग मिलता है. इस दौरान हनुमान जी युद्ध के समय अर्जुन के रथ पर सवार थे.

जामवंत भी रामायण के मुख्य पात्र में से एक हैं. महाभारत काल में जब भगवान राम ने श्रीकृष्ण के रूप में आते हैं तब जामवंत 8 दिनों तक भगवान कृष्ण से युद्ध करते हैं.

रामायण में रावण के ससुर और मंदोदरी के पिता मयासुर का वर्णन मिलता है. महाभारत काल में प्रसंग मिलता है कि श्री कृष्ण जब मयासुर के प्राण लेने चाहे तो अर्जुन ने उनके प्राण बचाये.

महर्षि दुर्वासा सतयुग, त्रेतायुग और द्वापर तीनों युग में मौजूद थे. इन्हीं की वजह से रामायण में लक्ष्मण जी को अपना वचन तोड़ना पड़ा. महाभारत काल में ऋषि दुर्वासा ने कुंती को संतान प्राप्ति का मंत्र दिया था.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)