जो ज्यादा चिंता करते हैं वे जरूर जानें प्रेमानंद महाराज की ये बात
Meena Prajapati
हम सभी की आदत होती है हर छोटी बात पर चिंता करने की. कुछ लोग तो ऐसे होते हैं जो हमेशा चिंता में ही रहते हैं.
घर के सदस्य अगर बाहर काम पर जाते हैं तब भी घर में रह रहे लोगों को चिंता सताती है कि वे ठीक से घर वापस आ जाएं.
मन में ख्याल आते हैं कि परिवार के सदस्य घर वापस सकुशल लौट आएं. कोई अनहोनी न हो जाए.
अगर आप भी ऐसे ही व्यक्ति हैं जिन्हें अक्सर चिंता सताती है तो चिंता न करें, प्रेमानंद महाराज आपके लिए उपाय बता रहे हैं.
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि अगर दिमाग खाली हो तो चिंता ही होगी, इसलिए भगवान का चिंतन जरूरी है.
एक भगत की कहानी बताते हुए प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि रात्रि का उत्सव मनाकर वे घर जा रहे थे और उन्हें नींद आ गई.
एक दो बार उन्होंने मुंह धोया पर उन्हें पता ही नहीं चला कि गाड़ी चलाते समय कब उनकी आंख लग गई.
ऐसे में वे कहते हैं कि मुझे पता ही नहीं चला कि मेरी गाड़ी कौन चला रहा था. पर मैं ये मानता हूं कि मेरी गाड़ी निश्चित रूप से प्रभुू चला रहे थे. ये मेरा हृदय मानता है.
इस पर प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि अगर हमारे दिमाग में भगवती का चिंतन है, भगवान का चिंतन है तो हम चिंता को दो मिनट में डिलीट कर देंगे.
जब भगवान का नाम जपते हैं तो विवके जागृत होता है और विवेक एक मिनट में चिंता को हटा देता है.जाएंगे.
Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.