May 31, 2024, 12:27 AM IST
महाभारत में शकुनि ऐसे पात्र हैं, जिन्हें चौसर खेलने में महारत हासिल थी और उन्होंने कौरवों में भी इसका मोह जगा दिया था.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, शकुनि जुआ खेलने में जिन पासो का प्रयोग करता था वह कोई आम पासे नही थे, ये पासे शकुनि के पिता की हड्डियों से बने थे.
यही वजह थी वह अपनी हर चाल में सफल होता था, वह जो चाहता वह अंक ला सकता था. शकुनि ने ही अपने पासों की चाल से महाभारत का युद्ध करवाया था.
शकुनि की मृत्यु के बाद श्री कृष्ण ने भीम को बुलाकर पासों को नष्ट कर देने को कहा ताकि किसी को भी ये पासे न मिलें.
श्री कृष्ण जब भीम से बात कर रहे थे, तभी वहां अर्जुन आ गए और पासों को उठाकर उसे नष्ट करने के लिए निकल पड़े.
अर्जुन ने श्री कृष्ण की पूरी बात सुनी नहीं थी, ऐसे में उन्होंने पासों को ले जाकर गंगा में फेंक दिया और वापस चले आए.
कृष्ण को यह बात पता चली तो उन्होंने कहा, अर्जुन तुमने बहुत बड़ा अनर्थ कर दिया, अगर ये पासे बहते हुए किसी के हाथ लग गए तो...
लोग फिर से जुआ खेलना शुरू कर देंगे, जो इंसान की बर्बादी का कारण बनेगा. ऐसी मान्यता है कि वो पासे किसी आम इंसान के हाथों लग गए.
परिणामस्वरूप जुआ आज भी किसी न किसी रूप में मौजूद है, जो आज भी कई लोगों के लिए बर्बादी का कारण बन रहा है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)