May 29, 2024, 06:12 PM IST
महाभारत के युद्ध में भगवान श्री कृष्ण पांडवों के पक्ष में थे, जो धर्म का अनुसरण करने वाले थे. वहीं बुराइयों में लिप्त कौरव की तरफ से भी बड़े-बड़े योद्धा लड़े.
पौराणिक कथाओं के अनुसार इस युद्ध से पहले कौरवों ने दुर्योधन को द्वारका भेजकर श्रीकृष्ण और बलराम से भी मदद मांगी थी.
लेकिन, बलराम ने श्री कृष्ण को समझाया कि दुर्योधन और अर्जुन दोनों ही हमारे मित्र हैं. इसलिए हमें इस युद्ध में शामिल नहीं होना चाहिए.
बलराम ने कहा कि इस धर्मसंकट के समय दोनों का ही पक्ष न लेना उचित होगा. ऐसे में श्री कृष्ण ने दुर्योधन से कृष्ण और उनकी सेना दोनों में से किसी एक को चुनने को कहा.
ऐसे में दुर्योधन ने कृष्ण की सेना का चयन किया. लेकिन, बलराम ने कहा कि कुरुवंशियों को आपस में लड़ते हुए देखकर मुझे अच्छा नहीं लगता...
बलराम ने कहा कि भीम और दुर्योधन दोनों ने ही मुझसे गदा सीखी है. दोनों ही मेरे शिष्य हैं और दोनों पर मेरा एक जैसा स्नेह है.
साथ ही जिस तरफ कृष्ण हों, उसके विपक्ष में भी मैं नहीं जा सकता हूं, इसलिए मैं तीर्थयात्रा पर जा रहा हूं.
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