May 29, 2024, 03:26 PM IST
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण जितने मनमोहक और शांत स्वभाव के थे, उनके बड़े भाई बलराम उतने ही गुस्सैल स्वभाव के थे.
एक समय ऐसा आया जब बलराम दुर्योधन पर बहुत ज्यादा क्रोधित हो उठे और हस्तिनापुर की संपूर्ण धरती को खींचकर गंगा में डूबाने की ठान ली.
कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण के पुत्र साम्ब को दुर्योधन और भानुमती की पुत्री लक्ष्मणा से प्रेम था. लेकिन दुर्योधन अपनी पुत्री का विवाह श्रीकृष्ण के पुत्र से नहीं करना चाहता था.
ऐसे में एक दिन साम्ब ने लक्ष्मणा से प्रेम विवाह कर लिया और लक्ष्मणा को अपने साथ रथ में बैठाकर द्वारिका ले जाने लगे.
इस बात से नाराज कौरव ने अपनी पूरी सेना लेकर साम्ब से युद्ध कर उसे बंदी बना लिया, श्रीकृष्ण और बलराम को जब यह पता चली तो उन्होंने निवेदनपूर्वक कौरवों से साम्ब को मुक्त करने को कहा.
लेकिन, कौरनों ने उनकी बात नहीं मानी. ऐसे में बलराम क्रोधित हो गए और अपने हल से ही हस्तिनापुर की संपूर्ण धरती को खींचकर गंगा में डुबोने चल पड़े.
इससे हस्तिनापुर में हाहाकार मच गया और कौरव भयभीत हो उठे. इसके बाद सभी ने बलराम से माफी मांगी और साम्ब को लक्ष्मणा के साथ विदा कर दिया.
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