चाणक्य से जानिए दुनिया में कौन सी 4 चीजें हैं बेहद कीमती
Ritu Singh
आचार्य चाणक्य के सिद्धांत और नियम वर्तमान समय में भी कारगर है. यदि उनका सही ढंग से पालन किया जाए तो मानव का कल्याण हो सकता है.
आज के युग में हर कोई अधिक पैसा कमाना और सुख भोगना चाहता है. कुछ लोग अकूत संपत्ति तो कुछ सम्मान चाहते हैं.
लेकिन आचार्य चाणक्य ने दुनिया में केवल 4 चीजों को ही सबसे मूल्यवान बताया है.
आचार्य चाणक्य ने कहा है कि अन्न और जल का दान इस संसार में सबसे बड़ा दान है. इस संसार में इससे अधिक मूल्यवान और कुछ भी नहीं है.
आचार्य चाणक्य ने हिंदू पंचायत की बारहवीं तिथि को द्वादशी तिथि को सबसे पवित्र तिथि बताया है. इस दिन को सबसे कीमती माना गया है.
आचार्य चाणक्य ने कहा था कि गायत्री मंत्र से बढ़कर इस दुनिया में कोई दूसरा मंत्र नहीं है. गायत्री माता को वेदमत कहा जाता है. चारों वेदों की उत्पत्ति गायत्री से हुई है.
चाणक्य ने धरती पर में मां को सबसे कीमती बताया है. उनके अनुसार मां से बड़ा कोई देवता, कोई तीर्थ और कोई गुरु नहीं है.
जो अपने माता-पिता की सेवा करता है उसे किसी और की पूजा करने की आवश्यकता नहीं होती है.
चाणक्य नीति के इस श्लोक में चार कीमती चीजों का जिक्र मिलता है - नत्रोदक समं दं न तिथि द्वादशी समं,
न गायत्री: परो मन्त्र न मातृदेवतां परम्।।