Jun 3, 2024, 08:39 PM IST
महर्षि वेदव्यास का पूरा नाम श्री कृष्ण द्वैपायन व्यास था. वेदव्यास जी को पुराणों में भगवान विष्णु का एक अंश (अवतार) माना गया है.
महाभारत ग्रंथ में महर्षि वेदव्यास को ब्राह्मण ऋषि पाराशर और सत्यवती के पुत्र के रूप में वर्णित किया गया है.
महर्षि वेदव्यास चारों वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद) के रचनाकार हैं और व्याज जी नें ही महाभारत जैसे विस्तृत ग्रंथ के साथ कई अन्य ग्रंथों की रचना की है.
वेदव्यास जी 8 चिरंजीवी (अश्वत्थामा, राजा बलि, हनुमान जी, विभीषण, कृपाचार्य, परशुराम, ऋषि मार्कंडेय) में से एक हैं, जिन्हें अमरता का वरदान प्राप्त है.
पौराणिक कथाओं के अनुसार ये आज भी धरती पर मौजूद हैं. व्यास जी ने ही मनुष्यों की आयु और शक्ति को देखते हुए वेदों के विभाग किए थे.
पौराणिक कथाओं के अनुसार महर्षि वेदव्यास ने ही पांडवों को स्वर्ग की यात्रा करने की सलाह दी थी.
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