Jul 31, 2024, 08:30 AM IST
कौन था वो कौरव योद्धा जिसकी मृत्यु महाभारत में नहीं हुई थी
Ritu Singh
पांडव और कौरवों के बीच हुई महाभारत धर्म और अधर्म के बीच युद्ध कही जाती है.
पांडव धर्म के साथ और कौरव अधर्म का प्रतीक थे और कई कौरव सेना में शामिल लोग राजगद्दी से बंधे होने कारण पांडवों का साथ नहीं दे सके थे.
लेकिन एक कौरव ऐसा था जो पांडवों की तरफ खड़ा था और ये दुर्योधन का भाई ही था.
18 दिन तक चली महाभारत में माना जाता है सभी कौरव खत्म हो गए थे लेकिन ऐसा नहीं था. एकमात्र कौरव ऐसा था जो महाभारत में नहीं मारा गया.
ये था दुर्योधन का सौतेला भाई युयुत्सु. ये धृतराष्ट्र की अवैध संतान थी.
जब कौरवों ने महाभारत युद्ध की घोषणा की तो पहले दिन युधिष्ठिर ने इसे धर्म की रक्षा के लिए युद्ध घोषित कर दिया.
पांडवों ने घोषणा की कि यदि कौरव पक्ष का कोई भी योद्धा धर्म के पक्ष में अधर्म के खिलाफ लड़ना चाहता है, तो पांडव सेना में उसका स्वागत किया जाएगा.
इस घोषणा ने कौरव सेना में तैनात युयुत्सु का मन बदल दिया. युयुत्सु तुरंत कौरव सेना छोड़कर पांडव सेना में शामिल हो गया.
तब युधिष्ठिर ने युयुत्सु को पांडव सेना के लिए भोजन और हथियारों की व्यवस्था करने की प्रमुख जिम्मेदारी सौंपी थी.
महाभारत युद्ध समाप्त होने के बाद पांडवों ने हस्तिनापुर पर कब्ज़ा कर लिया. तब युधिष्ठिर ने युयुत्सु को अपना मंत्री बनाया.
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