हिंदू धर्म में गंगा नदी का सबसे पवित्र माना जाता है. मान्यता है कि गंगा नदी में स्नान करने मात्र से पाप नष्ट हो जाते हैं.
वहीं किसी भी शख्स की मृत्यु के उपरांत उसकी अस्थियों को गंगा में बहाया जाता है.
आखिर अस्थियां गंगा नदी में क्यों प्रवाहित की जाती हैं. ज्यादातर लोगों को इसका पता नहीं है. आइए जानते हैं क्यों गंगा नदी में अस्थियां प्रवाहित की जाती हैं.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, राजा सगर के 60 पुत्र थे. सभी ऋषि कपिल के श्राप से भस्म हो गये थे. इनके मोक्ष की प्राप्ति के लिए गंगा नहीं का धरती पर आना आवश्यक था.
अपने वशंजों की मुक्ति के लिए राजा भगीरथ ने कठोर तपस्या की. उनकी तपस्या से मां गंगा प्रसन्न हो गई और धरती पर आई.
इसी के बाद गंगा के पवित्र जल में राजा सगर के 60 पुत्रों की अस्थियां प्रवाहित की गई. इससे सभी को मोक्ष की प्राप्ति हुई. यही वजह है कि मां गंगा को मोक्षदायिनी कहा जाता है.
माना जाता है कि किसी भी व्यक्ति की मौत के बाद उसकी अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करने से मोक्ष की प्राप्ती होती है.
वहीं एक और धार्मिक कथा के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने गंगा नदी को वरदान दिया था कि गंगा नदी में अस्थियां विसर्जित करने वाले परिवार पर हमेशा उनकी कृपा बनी रहेगी.
हिंदू धर्म में मान्यता है कि शव को जलाने के बाद उसकी राख को गंगा नदी में प्रवाहित किया जाता है. यह परंपरा से पिछले काफी समय से चली आ रही है.