Mar 11, 2024, 12:39 PM IST

14 साल के वनवास में क्यों गंदी नहीं हुई माता सीता की साड़ी

Nitin Sharma

रामायण में शादी के कुछ दिन बाद ही श्रीराम को 14 साल का वनवास मिल गया. माता सीता और लक्ष्मण ने भी वनवासा काटा. 

वनवास के दौरान कई ऐसी दिव्य घटनाएं हुई हैं जिनका वर्णन रामायण में किया गया है. इन्हीं में से एक माता सीता को लेकर है. 

इसमें में वर्णन मिलता है कि 14 साल का वनवास माता सीता ने एक ही साड़ी में काट दिया. 

माता सीता की यह साड़ी न तो कभी गंदी हुई और न ही 14 साल में कटी फटी. आइए जानते हैं इसके पीछे का रहस्य क्या है. 

वनवास की शुरुआत के साथ ही श्रीराम माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ ऋषि अत्रि का आशीर्वाद लेने आश्रम पहुंचे थे.

इस दौरान माता सीता की मुलाकात ऋषि अत्रि की पत्नी माता अनुसूया से हुई. अनुसूया हिंदू धर्म की सतीत्व का सर्वोच्च शिखर पाने वाली देवी तुल्य थी. उन्होंने कई तपस्याएं की थी.

माता अनुसूया ने माता सीता का स्वागत करने के साथ ही उन्हें पत्नी धर्म निभाने का मार्ग भी बताया. 

जब श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण आगे चलने की अनुमति लेने लगे. तब माता अनुसूया ने सीता को एक साड़ी भेट स्वरूप दी. 

पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता अनुसूया को यह साड़ी स्वयं अग्नि देव ने उनके तपोबल से प्रसन्न होकर दी थी.

अग्निदेव से मिली इस साड़ी की विशेषता थी कि न तो वह कभी गंदी और न ही कभी फटेगी. कोई दाग या निशान भी उस पर नहीं लगेगा. इसी को धारण कर माता सीता ने 14 साल का वनवास काट दिया

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)