द्रौपदी ने चीरहरण रोकने के लिए श्रीकृष्ण को ही क्यों बुलाया था?
Ritu Singh
महाभारत युद्ध से पहले जब जुआ खेला जा रहा था तो पांडव, कौरव और बड़ों सहित पूरी सभा भरी हुई थी, लेकिन भगवान कृष्ण वहां नहीं थे
क्या कारण था कि भगवान श्रीकृष्ण महाभारत सभा में उपस्थित नहीं थे और चीरहरण रोकने के लिए तभी सभा में आए जब द्रौपदी ने उन्हें पुकारा था.
जबकि श्रीकृष्ण सभाकक्ष के बाहर थे और उन्हें अंदर क्या हो रहा था सब पता था.
असल में पांडवों ने जुआ खेलने से पहले ही कृष्ण को सभा कक्ष में आने से मना कर दिया था क्योंकि वे जानते थे वो गलत कर रहे हैं.
जब द्रौपदी के साथ अभद्रता की जाने लगी और उनके वस्त्र खींचे जाने लगे तो द्रौपदी ने पहले खुद ही इसे संभालने का प्रयास किया था.
क्योंकि कृष्ण सभा कक्ष में बिना बुलाए प्रवेश नहीं कर सकते थे इसलिए वह अंदर आ नही पा रहे थे.
लेकिन जब द्रौपदी हारने लगीं तब उन्होंने कृष्ण को अपनी लज्जा बचाने के लिए द्रौपदी ने 'हरि, हरि, अभय कृष्ण, अभयम' का जाप करते हुए भगवान कृष्ण को सभा में बुलाया.
द्रौपदी जानती थीं कि इस विपदा से केवल उनके बाल मित्र कृष्ण ही निकाल सकते हैं और कृष्ण को भी उनकी साड़ी के टुकड़े का कर्ज उतारना था.
ये तय था कि अगर द्रौपदी ने कृष्ण को आवाज न दी होती तो शायद परिणाम कुछ और ही होता.