Dec 26, 2024, 08:54 PM IST
महाभारत में दुर्योधन वह पात्र है, जिसके कारण युद्ध हुआ. दुर्योधन ने भरी सभा में दौपद्री का चीर हरण किया था. वह पांडवों से नफरत करता था.
ऐसे में हर किसी के मन में ये एक सवाल आता है कि आखिर दुर्योधन के मन में पांडवों को लेकर इतनी नफरत क्यों पैदा हुई. आइए जानते हैं..
दुर्योधन का जन्म गांधारी की कोख से हुआ था, गांधारी और कुंती दोनों एक ही समय पर गर्भधारण हुआ था. हालांकि कुंती के पहले संतान पैदा हो गई.
ऐसे में जब गांधारी को इसका पता चला तो वह बहुत दुख हुई और वो सोचने लगी कि अब उसका पुत्र राज्य का अधिकारी नहीं बन पाएगा.
गांधारी चाहती थी कि उनका बेटा राजा बने, जिसके कारण बचपन से ही इस बच्चे को पांडव पुत्रों से घृणा हो गई और जब इसे पता चला कि युधिष्ठिर राज्य का भावी राजा है..
जब लाख कोशिशों के बाद भी उसके हाथ असफलता ही लगी तो इसके कारण दुर्योधन की पांडवों के प्रति नफरत दिन भर दिन बढ़ती चली गई.
तो वो कुंठा से भर उठा, दुर्योधन ने पांडव पुत्रों को खत्म करने के लिए मामा शकुनी की सहायता से अनेकों योजनाएं बनाई.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी सामान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.