द्वापर युग में हुए महाभारत युद्ध के साक्ष्य कलयुग में भी मिलते हैं. यह सबसे बड़ा युद्ध था, जिसमें करोड़ों योद्धा और सैनिक मारे गये. इसमें पांडवों की जीत हुई और अंत में 18 लोग ही जीवित बचे.
लेकिन महाभारत का युद्ध 18 दिन ही क्यों चला. इसक जवाब आज भी लाखों लोग तलाशते हैं. पौराणिक कथाओं की मानें तो महाभारत का 18 अंक से गहरा संबंध है.
इसकी वजह महाभारत युद्ध 18 दिन तक चलने के साथ ही इस ग्रंथ में कुल 18 अध्याय का होना है.
कुरुक्षेत्र के मैदान में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को 18 दिन गीता का ज्ञान दिया था. कौरवों और योद्धाओं की सेना में भी कुल 18 अक्षोहिनी योद्धा थे.
18 दिनों तक महाभारत युद्ध चलने के पीछे की वजह महर्षि वेद व्यास जी का गणेश जी की मदद से इसकी रचना करना है.
महर्षि ने अपनी दिव्य दृष्टि से महाभारत युद्ध से पहले ही महाभारत ग्रंथ की रचना कर दी थी. इसे श्रीगणेश ने 18 दिनों तक लिखा था.
महर्षि वेद व्यास और भगवान गणेश ने महाभारत ग्रंथ के हर एक अध्याय की रचना एक एक दिन में की. यानी 18 अध्याय को 18 दिन में लिखा गया था.
ऐसे में महाभारत का युद्ध भी 18 दिनों तक चला. इस युद्ध से पहले ही ग्रंथ में लिखी गई एक एक घटना भी सत्य साबित हुई.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)