Aug 25, 2024, 12:26 PM IST
युधिष्ठिर ने क्यों दिया अपनी ही मां कुंती को ये श्राप
Anamika Mishra
पौराणिक कथाओं के अनुसार महाभारत का युद्ध समाप्त होने के बाद माता कुंती कर्ण के शव को गोद में लेकर रो रही थीं.
माता कुंती का कर्ण के लिए इस तरह दुखी होकर रोना पांडवों के लिए काफी आश्चर्यजनक था.
माता कुंती ने पांडवों को बताया कि कर्ण उनका ही पुत्र है और पांडवों का भाई भी.
ये सच सुनकर युधिष्ठिर को काफी दुख हुआ और उन्हें माता कुंती पर बहुत क्रोध आया.
युधिष्ठिर सच जानकर कहते हैं कि आपने हमसे इतनी बड़ी बात छुपाई और हमें अपने ही भाई का हत्यारा बना दिया.
युधिष्ठिर ने कहा अगर अर्जुन और कर्ण जैसे महान योद्धा मेरा साथ देते तो मैं पूरी दुनिया जीत सकता था.
युधिष्ठिर ने कहा कि अगर आप हमसे बात नहीं छुपाती तो शायद इतना बड़ा युद्ध नहीं होता और लाखों लोगों की जिंदगी बच जाती.
क्रोधित होकर युधिष्ठिर ने माता कुंती और पूरी नारी जाति को ये श्राप दिया कि अब से महिलाएं अपने दिल में कोई भी बात नहीं छिपा पाएंगी.
माना जाता है युधिष्ठिर का दिया गया ये श्राप आज भी महिलाओं के साथ है इसीलिए महिलाएं अपने पेट में कोई भी बात नहीं रख पाती हैं.
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