अष्टमी-नवमी पर कन्या पूजन में क्यों बैठाया जाता है लड़का?
Meena Prajapati
कल यानी शनिवार को अष्टमी पर कन्या पूजन है. नवरात्रि में कन्या पूजन का बहुत महत्व होता है.
इसमें मां दुर्गा के 9 स्वरूपों के रूप में पूजन किया जाता है.
इन 9 कन्याओं के साथ एक लड़का भी कन्या पूजन में बैठाया जाता है.
इस बालक को लंगूरा, लांगुरिया, बटुक भी कहा जाता है. वहीं, कन्या पूजन के दौरान भैरोनाथ के रूप में भी लड़का बैठाने का महत्व है.
मान्यता के अनुसार, कन्याओं के साथ बैठाए जाने वाले बालक को भैरोनाथ का रूप माना जाता है.
मान्यता है कि वैष्णों देवी के दर्शन करने के बाद भैरोनाथ के दर्शन करने अनिवार्य हैं, नहीं तो मां के दर्शन अधूरे माने जाते हैं.
इसी वजह से कन्या पूजन में लड़के को भैरों के तौर पर बैठाया जाता है. इसके बाद ही कन्या पूजन पूरा माना जाता है.
वहीं भगवान शिव के रूप भैरव बाबा को कन्या पूजन में बैठाने का महत्व यह है. उनको मुख्य रक्षक माना जाता है, जिन्हें मां दुर्गा के अंगरक्षक या सेनापति के रूप में पूजा जाता है. शक्ति की उपासना के समय भैरव बाबा की उपस्थिति अनिवार्य होती है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.